
दरअसल, तीन साल की चेतना 23 दिसंबर को खेलते समय 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी थी। वह 150 फीट की गहराई पर अटक गई थी। देसी जुगाड़ के जरिए उसे तीस फीट ऊपर खींच लिया गया था। लेकिन, फिर उसे देसी जुगाड़ से और ऊपर नहीं लाया जा सका। इसके बाद बोरवेल के पास एक 170 फीट गहरा गड्ढा किया और फिर बोरवेल तक सीधी सुरंग बनाकर एनडीआरएफ के जवान चेतना तक पहुंचे। जिसके बाद उसे बाहर निकाला गया। लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। चेतना सबको छोड़कर जा चुकी थी। परिवार लगातार रेस्क्यू अभियान में लापरवाही बरतने के आरोप लगा रहा था।