
रावल किशन सिंह जसोल के मार्गदर्शन में किए गए कार्य सराहनीय एवं प्रशंसनीय : न्यायाधिपति मदन गोपाल व्यास
जसोल :- राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधिपति मदन गोपाल व्यास ने पौष शुक्ल पक्ष त्रयोदशी के शुभ अवसर पर श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल (जसोलधाम) पधारकर श्री राणीसा भटियाणीसा के दर्शन लाभ लेते हुए समस्त प्राणियों के जीवन में खुशहाली को लेकर मंगल कामना की।
न्यायाधीशों सहित कोर्ट कर्मचारियों का भी आगमन
न्यायाधिपति के साथ जिला एवं सेशन न्यायाधीश मंशाराम सुथार, विशिष्ट न्यायाधीश (पोक्सो एक्ट) हुकमसिंह राजपुरोहित, जिला एवं सेशन न्यायालय प्रबंधक महेश व्यास, और प्रोटोकॉल लिपिक सुनील भाखर भी मौजूद थे। सभी ने मां जसोल के दर्शन कर खुशहाली को लेकर मंगल कामनाएं की।
जसोलधाम परिसर का अवलोकन और अनुभव
न्यायाधिपति मदन गोपाल व्यास ने जसोलधाम परिसर का अवलोकन कर मंदिर परिसर की स्वच्छता, हरियाली, शांत वातावरण और आधुनिक सुविधाओं को लेकर सराहना की। उन्होंने कहा, “जसोलधाम में आकर शांति की अनुभूति” प्राप्त होती है। आज से 3 वर्ष पूर्व भी मां जसोल की असीम कृपा से यहां आकर दर्शनों का पुण्य लाभ मुझे प्राप्त हुआ था, तब से लेकर आज तक बहुत ही ज्यादा तीव्र गति से सराहनीय परिवर्तन हुए है। भक्तों की सुविधार्थ यहां अनेकों अभूतपूर्व सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है, जिसका लाभ मां जसोल के दर्शनार्थ पधारने वाले असंख्य भक्त ले रहे है। यहां की व्यवस्थाएं और प्रतिबद्धता अद्वितीय है।”
संस्थान अध्यक्ष के मार्गदर्शन में किए गए कार्यों की प्रशंसा
संस्थान के कार्यों को लेकर न्यायाधिपति ने कहा कि श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल के मार्गदर्शन में बहुत ही कम समय में जो लक्ष्य तय कर उसे सफलतापूर्वक हासिल किया गया। यह बहुत ही ज्यादा सराहनीय एवं प्रशंसनीय है। जसोलधाम धर्मशाला भवनों को लेकर उन्होंने कहा कि मां जसोल के असंख्य भक्तों के लिए भवनों में की गई समस्त सुविधाएं बहुत ही ज्यादा उपयोगी एवं लाभप्रद है, को लेकर संस्थान की इस अद्वितीय एवं अभूतपूर्व योजनाओं की सराहना की।
स्मृति चिन्ह और सम्मान
इस अवसर पर श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल के समिति सदस्य कुं. हरिश्चंद्रसिंह जसोल ने न्यायाधिपति को श्री रावल मल्लीनाथ जी और श्री राणी रूपादे जी की तस्वीर के साथ महेचा राठौड़ों का इतिहास पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया।
अद्वितीय एवं सुनहरा पल
जसोलधाम के इस धार्मिक दर्शन लाभ को न्यायाधिपति, न्यायाधीशों सहित समस्त अधिकारियों ने एक सुनहरा एवं अद्वितीय पल बताया।