
जिला कलक्टर के निर्देश पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, अवैध कब्जाधारियों में मचा हड़कंप
बालोतरा। शहर में सरकारी भूमि पर हो रहे अवैध कब्जों को हटाने के लिए नगर परिषद ने सख्त कदम उठाते हुए शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई की। जिला कलक्टर सुशील कुमार यादव के निर्देशानुसार नगर परिषद की टीम ने राजस्व ग्राम जेरला में अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया, जिसके तहत 30 बीघा से अधिक भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया।
प्रशासन की सख्ती, सरकारी जमीन को किया मुक्त
नगर परिषद आयुक्त जितेंद्र चौकीदार ने जानकारी दी कि इस विशेष अभियान के तहत राजस्व ग्राम जेरला के खसरा संख्या 916/286 (16.17 बीघा) और 917/286 (14.15 बीघा) की भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया। इस कार्रवाई का उद्देश्य सरकारी भूमि पर हो रहे अनधिकृत कब्जों को समाप्त करना और भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित करना था।
नगर परिषद ने इस कार्रवाई के दौरान बुलडोजर और अन्य मशीनरी का इस्तेमाल कर अवैध निर्माणों को हटाया। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सरकारी भूमि पर कोई भी अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भविष्य में भी इस तरह की कार्यवाही जारी रहेगी।
अवैध कब्जाधारियों में मचा हड़कंप, प्रशासन ने अपनाया सख्त रुख।
नगर परिषद की इस कार्रवाई के दौरान अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया। कई लोगों ने अपने अतिक्रमण को बचाने के लिए प्रयास किए, लेकिन प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाते हुए बिना किसी बाधा के पूरी कार्यवाही को संपन्न किया।
कुछ स्थानों पर लोगों ने प्रशासन से अतिक्रमण न हटाने की अपील की, लेकिन अधिकारियों ने साफ कहा कि सरकारी जमीन पर किए गए कब्जे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। नगर परिषद के इस सख्त कदम से शहर में अवैध कब्जों पर रोक लगाने का एक मजबूत संदेश गया है।
नगर परिषद की कड़ी चेतावनी – अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं होगा।
नगर परिषद ने सभी नागरिकों को चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने की कोशिश न करे, अन्यथा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने शहरवासियों से अपील की है कि वे स्वच्छ, सुंदर और व्यवस्थित शहर बनाने में सहयोग करें और सरकारी जमीन पर किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण करने से बचें। नगर परिषद ने यह भी कहा कि भविष्य में अवैध कब्जों को हटाने के लिए इसी तरह के और भी अभियान चलाए जाएंगे।
शहरवासियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
नगर परिषद की इस कार्रवाई पर शहरवासियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोगों ने इसे प्रशासन का सही कदम बताया, जबकि कुछ लोगों ने यह तर्क दिया कि सरकार को पहले अतिक्रमण के पीछे की वजहों को समझकर उचित समाधान निकालना चाहिए।
हालांकि, कुल मिलाकर इस अभियान से शहर में स्वच्छता और सुव्यवस्था बनाए रखने का सकारात्मक संदेश गया है। नगर परिषद के इस कठोर कदम के बाद यह साफ हो गया है कि प्रशासन अब अतिक्रमण को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और सरकारी जमीन को सुरक्षित रखने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।