
बालोतरा, । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देषानुसार आगामी 08 मार्च को वर्ष 2025 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन आॅफलाईन के साथ-साथ आॅनलाईन किया जाएगा। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निस्तारण व सफल संचालन हेतु श्रीमान् सिद्धार्थ दीप, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश), बालोतरा की अध्यक्षता में एडीआर भवन में आयोजित की गई। बैठक में न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्तागण, पुलिस विभाग प्रशासन व सभी बैंक/वित्तीय संस्थानों के पदाधिकारी सम्मिलित हुए।
अध्यक्ष सिद्धार्थ दीप ने बैंकिंग व वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधियों को आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंकों में लम्बित ऋण वसूली प्रकरणों व एनआई एक्ट प्रकरणों के अधिक से अधिक प्रकरणों को चिन्ह्ति कर निस्तारण करवाने हेतु प्रेरित किया गया। मुख्य रूप से इस लोक अदालत में एनआई एक्ट के ऐसे प्रकरणों को चिन्ह्ति व निस्तारित किये जाने हेतु जोर दिया गया जिसमें चैक की राशि 2 लाख रूपये से न्यून हो। साथ ही बैंक के अधिकारीगण को न्यायालय में जाने से पूर्व ही प्री-लिटिगेशन स्टेज पर प्रकरणों के निस्तारण करवाने हेतु आवश्यक प्रचार-प्रसार कर पक्षकारों को लोक अदालत में बढ़-चढ़ कर भाग लेने हेतु प्रेरित किया तथा लंबित मामलों को राष्ट्रीय लोक अदालत में लाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित करें, जिससे अदालती प्रणाली पर बोझ कम हो सकेगा और पक्षकारों को शीघ्र न्याय मिल सकेगा।
बैठक में पुलिस निरीक्षक को निर्देशित किया कि न्यायालयों व बैंकों द्वारा लंबित व प्री-लिटिगेशन प्रकरणों में जारी किए नोटिसों को नियत पर तामील करवाया जाना सुनिश्चित करावें तथा बाद तामील संबंधित न्यायालय को भिजवाया जाना सुनिश्चित करें।
बैठक में बताया कि बैकों द्धारा प्री-लिटिगेशन स्तर पर प्रकरण प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि राज्य प्राधिकरण द्वारा 01.03.2025 निर्धारित की गई है। अतः बैंकर्स इस तिथि से पूर्व प्रकरणों को इस प्राधिकरण में प्रस्तुत करें तथा प्री-लिटिगेशन स्तर पर अधिक से अधिक प्रकरण निस्तारण के लिए डोर स्टेप काउंसलिंग व प्री काउंसलिंग कैंप आयोजित करें। उन्होंने डोर स्टेप काउंसलिंग व प्री-काउंसलिंग की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने बैंकर्स को यह भी निर्देशित किया कि प्री-लिटिगेशन स्तर पर जो प्रार्थना पत्र पूर्व में आयोजित लोक अदालतों मे रखे गये थे जिनका निस्तारण नहीं हो सका था, उन्हें इस लोक अदालत में पुनः रखकर यथासंभव निस्तारित करें।
बैठक में बालोतरा मुख्यालय के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सं. 01 श्री रामचन्द्र चैहान, न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री दिपांशु आर्य, अतिरिक्त सिविल मजिस्ट्रेट श्रीमती सोनल ललवाणी, पुलिस निरीक्षक चेलसिंह, अग्रणी बैंक अधिकारी रमेश कालमा, प्रेमसिंह, गणपतदान चारण, संतोष कुमार भंसाली व अरिहंत तातेड़ अधिवक्तागण, तथा सभी बैंकों व वित्तीय संस्थानों के पदाधिकारी सवाईराम, ओमप्रकाश मेघवाल, हुकमाराम, भरत दैया, कांतिलाल गहलोत व चंदा जैनी इत्यादि उपस्थित रहे।