
रिपोर्टर: नरपत माली
अन्नदान महादान : महंत नारायणगिरी जी महाराज
तिलवाड़ा :- विश्वविख्यात श्री मल्लीनाथ पशु मेले में मेलार्थियों की सुविधा हेतु श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल द्वारा विगत सात दिनों से निःशुल्क संचालित की जा रही भोजनशाला का समापन समारोह धूमधाम से संपन्न हुआ। यह आयोजन पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं संत महामंडल अध्यक्ष दिल्ली एनसीआर तथा श्री दूधेश्वर महादेव मंदिर गाजियाबाद पीठाधीश्वर श्री महंत नारायणगिरी जी महाराज एवं महंत श्री गणेशपुरी महाराज के पावन सानिध्य एवं संस्थान अध्यक्ष रावल श्री किशन सिंह जी जसोल के मार्गदर्शन में छत्तीशी कौम सनातन धर्म प्रेमियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
कन्या पूजन और प्रसाद वितरण।
समापन समारोह के उपलक्ष में सर्व समाज की कन्याओं का विधि-विधान से पूजन कर उन्हें फल-प्रसाद एवं अन्न-प्रसाद प्रदान किया गया। साथ ही श्री रावल मल्लीनाथ जी मंदिर तिलवाड़ा (थान मल्लीनाथ), श्री राणी रूपादे जी मंदिर (पालिया) एवं श्री रावल मल्लीनाथ जी मंदिर (मालाजाल) में भोग प्रसाद अर्पित किया गया।
महंत नारायणगिरी जी महाराज एवं संस्थान अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल द्वारा भोग लगे प्रसाद को तिलवाड़ा, थान मल्लीनाथ एवं बोरावास के प्रत्येक घर में वितरित करने हेतु वाहनों को भगवा झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
संस्थान एवं स्वयंसेवकों की सराहना।
महंत नारायणगिरी जी महाराज ने श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल द्वारा मेलार्थियों की सुविधा के लिए किए गए सेवा कार्यों की सराहना की। उन्होंने स्वयंसेवकों की निःस्वार्थ भाव से की गई सेवा को लेकर प्रशंसा करते हुए आशीर्वचन दिए।
संस्थान अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल ने कहा कि जसोलधाम द्वारा संचालित भोजनशाला श्री रावल मल्लीनाथ जी एवं श्री राणी रूपादे जी के बताए गए सामाजिक समरसता के सिद्धांत पर आधारित थी, जिसमें समस्त छत्तीशी कौम के मेलार्थियों को बिना किसी भेदभाव के एक समान अन्न-प्रसाद ग्रहण करवाया गया।
आगामी मेले की तैयारियों पर जोर।
महंत गणेशपुरी महाराज ने संस्थान ट्रस्टीज, समिति सदस्यों, स्वयंसेवकों एवं समस्त सनातन धर्म प्रेमियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने आगामी मेले हेतु और भी बेहतर व्यवस्थाओं के साथ सेवा कार्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया।
समारोह में उपस्थित गणमान्य।
इस अवसर पर श्री रावल मल्लीनाथ श्री राणी रूपादे संस्थान, तिलवाड़ा सचिव सुमेरसिंह वरिया, श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल सचिव गजेंद्रसिंह जसोल एवं मांगूसिंह जागसा, गुमानसिंह वेदरलाई, विक्रमसिंह, शंभूसिंह त्रिभुवनसिंह असाड़ा, हड़मतसिंह नौसर, देवीसिंह कितपाला, भीमसिंह टापरा, तिलवाड़ा के पूर्व सरपंच शोभसिंह, शिक्षक कुंदनसिंह, जितेंद्रसिंह तिलवाड़ा सहित अनेक सनातन धर्म प्रेमी उपस्थित रहे।