
जैसलमेर । जिला अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि अस्पताल परिसर में तैनात एक वर्दीधारी होमगार्ड कर्मी के साथ कुछ लोगों द्वारा हाथापाई की जा रही है। यह पूरी घटना अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों में भी रिकॉर्ड हुई है, इसके बावजूद अब तक कोई सख्त कार्यवाही नहीं की गई है, जिससे आमजन में रोष व्याप्त है।
मिली जानकारी के अनुसार, जिन युवकों ने होमगार्ड जवान पर हमला किया, वे कथित तौर पर जिला अस्पताल में सक्रिय निजी लैबों के दलाल यानी “लपके” बताए जा रहे हैं। ये लोग आए दिन अस्पताल परिसर में घूमकर मरीजों और उनके परिजनों को बहला-फुसलाकर निजी लैबों में जांच कराने के लिए प्रेरित करते हैं। जब इस अवैध गतिविधि का विरोध किया गया तो उन्होंने ड्यूटी पर तैनात जवान के साथ मारपीट कर दी।
इस पूरे मामले में सबसे चिंताजनक बात यह है कि घटना स्पष्ट रूप से कैमरे में कैद होने और प्रत्यक्षदर्शियों की मौजूदगी के बावजूद पीएमओ (प्रधान चिकित्सा अधिकारी) द्वारा कोई सख्त कार्यवाही नहीं की गई है। इससे यह संदेह और भी गहराता है कि कहीं न कहीं निजी लैबों और उनके लपकों को अस्पताल प्रशासन का संरक्षण प्राप्त है।
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और प्रशासन से मांग की है कि हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि अस्पताल परिसर में काम कर रहे सुरक्षाकर्मियों और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। साथ ही यह भी मांग की जा रही है कि जिला अस्पताल परिसर में अवैध रूप से सक्रिय निजी लैबों के लपकों पर भी लगाम कसी जाए।
इस घटना ने न केवल अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि यह भी उजागर कर दिया है कि अगर वर्दीधारी सुरक्षाकर्मी ही असुरक्षित हैं, तो आम मरीज और उनके परिजन कैसे सुरक्षित रह सकते हैं?