
रिपोर्टर: नरपत माली
मां महागौरी का स्वरूप अत्यंत शांत, सौम्य एवं दिव्य :- महंत श्री नारायणगिरी जी महाराज
बालोतरा/जसोल :- चैत्र नवरात्रा पर्व के सप्तम दिवस, अष्टमी तिथि के शुभ एवं पावन अवसर पर श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान (जसोलधाम) में मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की विधिवत पूजा-अर्चना वैदिक मंत्रों एवं पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई। इस विशेष अवसर पर पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, संत महामंडल अध्यक्ष (दिल्ली एनसीआर) एवं श्री दूधेश्वर महादेव मंदिर (गाजियाबाद) के पीठाधीश्वर महंत श्री नारायणगिरी जी महाराज के सान्निध्य में धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया।
पूजा एवं विशेष अनुष्ठान का आयोजन संस्थान की ओर से अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मां जसोल के असंख्य भक्तों की सम्पूर्ण मनोकामना पूर्ति हेतु संकल्प के साथ पूर्ण श्रद्धा एवं आस्था के साथ मां महागौरी की पूजा अर्चना की गई। पूजा का संचालन दूधेश्वर वेद विद्यापीठ, गाजियाबाद के विद्वान आचार्यों और पंडितों द्वारा किया गया।
होम अष्टमी पर यज्ञ हवन का आयोजन।
चैत्र नवरात्र की अष्टमी के शुभ अवसर पर वैदिक रीति रिवाज से यज्ञ एवं हवन संपन्न हुआ, जिसमें विद्वान पंडितों, पचपदरा विधायक डॉ अरुण चौधरी सपरिवार, संस्थान सचिव गजेंद्रसिंह जसोल, समिति सदस्यों कुंवर हरिश्चंद्र सिंह जसोल एवं मोहनसिंह बुड़ीवाड़ा ने विश्व कल्याण हेतु मंत्रोच्चारण के साथ आहुतियाँ अर्पित कीं। इस पावन अवसर पर श्रद्धालु भक्तों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और पुण्य लाभ अर्जित किया।
अन्नपूर्णा प्रसादम का विशेष आयोजन।
संस्थान द्वारा भक्तों की जनभावना को लेकर अनूठी एवं पुण्य लाभ हेतु शुरू की गई भोजन प्रसादी (अन्नपूर्णा प्रसादम) योजना का लाभ महेश फाफट एवं उनका परिवार, निवासी फलौदी (वर्तमान निवास सूरत, गुजरात) द्वारा लिया गया। श्रद्धालु परिवार ने पूरे भक्तिभाव से भोजन प्रसादम का आयोजन कर पुण्य अर्जित किया।
भोग का अर्पण एवं कन्या तथा बटुक पूजन
भोजन प्रसादी (अन्न पूर्णा प्रसादम) के लाभार्थी परिवार ने श्री राणीसा भटियाणीसा, श्री बायोसा, श्री सवाईसिंह जी, श्री लाल बन्ना सा, श्री खेतलाजी एवं श्री काला – गौरा भैरव को अन्न प्रसादम के भोग का अर्पण कर मंगलमय जीवन को लेकर कामनाएं की। तथा लाभार्थी परिवार ने जसोल ग्राम सर्व समाज की कन्याओं एवं बटुकों का पूजन कर फल प्रसादम एवं अन्न प्रसादम करवाकर उन्हें दक्षिणा भेंट कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
महंत श्री नारायणगिरी जी महाराज के आशीर्वचन।
इस अवसर पर महंत श्री नारायणगिरी जी महाराज ने मां महागौरी के स्वरूप और महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नवरात्र के आठवें दिन पूजित होने वाली मां महागौरी का स्वरूप अत्यंत शांत, सौम्य एवं दिव्य है। इनका वर्ण अत्यंत गौर होने के कारण इन्हें “महागौरी” कहा जाता है। यह स्वरूप उस समय प्रकट हुआ जब देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने हेतु कठोर तप किया और उनका शरीर काला हो गया। भगवान शिव ने प्रसन्न होकर गंगा जल से उन्हें स्नान कराया, जिससे वे अत्यंत गौर वर्ण की हो गईं और मां महागौरी के रूप में विख्यात हुईं।
इस प्रकार, श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान में आस्था, श्रद्धा और भक्ति के साथ मां महागौरी की पूजा संपन्न हुई, जिससे समस्त भक्तों ने आध्यात्मिक ऊर्जा और पुण्य लाभ प्राप्त किया।